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आरज़ू

क्यूँ ना हम कुछ कसमें वादे खाये, ले कर हाथों मे हाथ Goa beach पर जाये,,    
रेतीली मिट्टी पर उंगलियाँ फिराये, कुछ तस्वीर तुम उकेरो और कुछ हम बनाये,    
हँसी खेल ठिठोली मे अपना बचपन फिर दोहराए, नील गगन पर उड़ते सफेद बुग्लो को आवाज़ लगाये,,    
साँझ घिरे मेघों तले मोर बन कर नृत्य सजाये, मिठी मिठी पवन के संग कुछ तरुण गीत नये गुनगुनाये,,    
सर सर कर आती लहरों को भाग कर ठेंगा दिखलाये, चहकती उमंगों से थिरक कर एक दूसरे को छेड़े चिढ़ाये,,    
सुनहरी धूप पे रंगीली यादों की तितलीया उड़ाये, मापने धरती के छोर अम्बर संग भागे जाये,,    
उतरकर घोसलो मे नन्हे पंछियों के साथ कहकहाये,,  
लेट कर रात की ओढ़नी मे तारों को कहानियाँ सुनाये,,    
क्यूँ ना हम कुछ कसमे वादे खाये, ले कर हाथो में हाथ Goa beach पर जाये........
Written by magichearts
Published | Edited 25th Sep 2024
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