deepundergroundpoetry.com
ik tak takee nihaar chapal harinee haule musakaatee
इकटक तकी निहार चपल हरिणी हौले मुस्काती
(premonmayee saras rati sarita)
__________________________________
इकटक तकी निहार चपल हरिणी हौले मुस्काती
परी बदन गुडिया नाज़ुक छेड़े हँस फूल झराती
चम्पक वर्णी तीखे नक्श नयन हरती मदभर मन
गुदगुद तन नवनीत फिसलती दमकी काया रेशम
मैं गंभीर मगन बतियाता वह इकटक तक आती
चुलबुल चपला छेड़ छेड़ आँखों से रह मुसकाती
चित्त भटक रहता कहता उफ़ क्यों हो मुझे सतातीं
पूछो उफ़ न आह हंसती वह खिल खिल नैन लड़ाती
कहती मुख भोला प्यारा सुन बातें बड़ी सयानी
झपट चूम लूँ तुम्हें मुग्ध सूझे मन में शैतानी
उधर मगन तुम अपने में दिल इधर लपटने करता
कैसे बुद्धू बात न समझो मन की सोचे मरता
मैं बचता वह तक तक नैन लड़ाए छेड़ी जाती
संग चिपकने अवसर एक न वह छोड़े थी आती
मेरा प्यार सहम सोचा आता उफ़ क्या कह आऊं
मेलजोल की बात अलग बुर दो कैसे कह पाऊँ
**
कभी उमग कहती यह काम चलो निबटाया जाये
कभी शिकायत राह तकी कल उफ़ तुम क्यों ना आये
कभी फोन पर कहाँ छिपे तुम आँखें तरसी आईं
कभी चखो यह तुम्हें चखाने बड़े प्यार से लाई
कभी सुनो प्यारे भोले जी आज रुके रह आना
संग तुम्हारे मैं भी आज चलूँगी छोड़ न जाना
किये शिकायत आती तुम कैसे हो क्या कह पाऊँ
समझो तनिक न बात मीत कैसे मैं रूठी आऊं
राह एक पर छोड़ मुझे नित इकले भग रह आते
आस किये मैं तकती क्यों न संग ले मुझको जाते
यूँ गुड़िया मेरी गुड्डा मैं उसका जोड़ बनाए
इक दूजे के लिये बने ज्यूं हौले घुल मिल आए
छोड़ ठिकाने इक दिन यूँ लौटने मुड़ा जब तत्पर
बोली उफ़ ज़ल्दी क्या रुको न चल घर देखो ऊपर
सकुच सीढ़ियों पर ठिठका मैं वह बोली आओ ना
और न कोई आज अकेली मैं यूँ सकुचाओ ना
**
झटपट कपड़े बदले झीनी फ्राक सजी वह आई
कहो लगूं मैं कैसी पूछे रह आई मुस्काई
झंक उन आंखों में तक मुखड़ा डूब निहारे भारी
बोला आह कहूँ क्या मन लपका लेने री प्यारी
परी बदन गुल आब अंगूरी भरी मुसम्बी ताके
आँख मिटी रह देख लपकता चूम चढ़ा मैं दाबे
मुसकाई कह वह न कभी सुध ली मेरी बस झूठे
बहला छोड़ मुझे उफ़ जाने किस किस पर रह टूटे
नैन लड़ाए कह इतना चहकी पलटी वह घूमे
खींच केस धर गाल तड़ातड़ रह आई वह चूमे
लहर अंक में गर घेरे वह चूम रही मुख आये
लपके नाज़ुक बदन फूल सा मैं रह झप्प उठाए
अधर अधर धर चपक छातियाँ बोला चल बतलाऊँ
बोली उफ़ पट द्वार खुला छोड़ो फिर मज़ा चखाऊँ
**
बंद किये पट झपट ठेल बिस्तर पर पटकी आये
ठुनके ठुनक छाती बोली कितने निर्मम तुम हाये
जाने छेड़ छेड़ कितना खेली मैं तुमसे आई
सुना न प्यार के लब्ज़ कभी दो पर मैं तुमसे पाई
पलट चढ़ा उलटे लहंगा बुर चूम चूम रह आया
बोला उफ़ गुडिया मेरी डर सच न कभी कह पाया
आह कहूँ क्या लगीं सदा सच मुझको कितनीं प्यारी
सहम डरा कैसे भेदूं बुर छुई मुई सुकुमारी
आज मिलीं तुम आह खुली किस्मत उफ़ क्या कह पाऊँ
लूट रखो मुझको प्यारी तुम पर मैं प्यार लुटाऊँ
फौरन उरझ लपट झकझोरे लड़े अंग अंग भारी
राह देख तरसे दोनों में थी भिड़ने तैयारी
बोली आह मिले तुम तरसी आई प्यास अधूरी
आओ भिड़े संग खेलें कस करें तमन्ना पूरी
पकड़ी खड़ा लंड दुलराए आई गाल फिराए
मगन निहारे नयन आह उफ़ कह चूमी झुक आए
बोली उफ़ कितना प्यारा लूँ यह अब रह मैं ठानी
पटक पीस कर चकनाचूर न चुद मांगे बुर पानी
झुक बुर चप्प चप्प चूमे मैं कह आया री लूटी
छोडूं उफ़ न तुझे अब सीमा लाज सरम की टूटी
कसमस कस बुर लंड मचलते टोह रगडते आए
छूटा ताब उठा पुट्ठे आया मैं गाँठ फंसाए
**
बुर नन्ही में फंसा धंसा कस लंड चीख वह आई
अह हह अह हह आह मरी उफ़ छोड़ छोड़ चिल्लाई
ठेल झटक इक हाथ दूसरा कस बुर चपकी आई
चीख उछलती उफ़ मारा रे छोड़ छोड़ कह आई
उइ हा फटी फटी बुर उफ़ उफ़ मरी दरद के मारे
फंसा जकड़ कस मोटा जबरा तेरा लंड खड़ा रे
हुई रुआंसी बोली मत कर जिद न झेल मैं पाऊँ
आह सकूं सह मैं न हाय बाहर निकाल मर जाऊँ
ऊपर अधर चपक चूमे नीचे बुर लंड फिराए
बोला पिघलाए प्यारी रुक देख मज़ा क्या आए
कस बाँधे मसले घट चुटक चूचियां चुहके आया
थपक गाल मुख चूम लंड हौले बुर चलता आया
हौले हुई निढाल पलक मूंदे अह हह सिसियाई
आह करो क्या जादू बुदबुद कह घेरे भुज आई
छुए गाल हौले धर चिबुक उठा तक मुखडा नाज़ुक
बोला प्यारी कहो न कुछ कुछ यूँ न रही आओ चुप
अह हह आह मचलती भर सिसकारी कह वह आई
और परीक्षा लो न आह अब लो बुर मरी भुखाई
कह लिपटी उफ़ आह बचूं ना बस तेरे हो आई
पलट चूम बुर प्यारी हौले दिये मगन रह आई
हौले चढ़ा ज्वार उइ उफ़ उफ़ रह सिसकारी छाई
छोड़ो आह न लेते जाओ कहती प्यारी आई
**
इधर काम रस उधर बसन्ती जोबन जोड़ अनूठा
कस आई बुर लंड उमगता रहा चूत पर टूटा
चलता लंड इधर बुर चुदती उधर आह भर आती
परी बदन बुर मुखड़ा नन्हा देख न आँख अघाती
प्यारी आह गज़ब आ री अब कह झुक लप्प उठाया
चढ़ा जांघ बुर खड़ा लंड धर बिठा गोद कस आया
नाज़ुक देह लता सी उरझी डूबी अंक समाई
बाँहें फैल बदन कस गूंथीं कसी मचलती आईं
लिये हिलोर बदन तन मन बुर लंड धंसे रह झूले
हुए मगन आगे पीछे झकझोरे चढ़े हिंडोले
छिपी समाई धंसी बदन खोई कमसिन वह प्यारी
दो से एक हुए गुम हो बुर लंड जकड़ कस भारी
उमड़ घिरे घनघोर हरस बिजलियाँ चमकती रह रह
सान सने रह पीस चले बुर लांस आह उफ़ कह कह
**
लहर लहर झकझोर झिन्झोरे उड़ उड़ दोनों आए
चढ़े बदन तूफान बिछी बुर लंड चढ़ा चल आए
उइ उइ आह गज़ब रे गज़ब आह उफ़ उफ़ कह कांपी
चुदी लंड कस बुर लचलच साँसें उफनी रह हाँफीं
उइ उइ आह गज़ब बुर प्यारी आह रटा रह झूमे
सना लंड बुर कोना कोना टुहक दौड़ता चूमे
आह आह लो और लिये जाओ बस मचल लुभाई
लंड कड़क धर धर झपटी बुर नाज़ुक चलती आई
लो प्यारी लो खूब तरसती प्यास न अब बच पाए
छोडूं आज न छक उधड़े बुर लंड चला कह आए
चपक रहे तन बदन लंड बुर इक दूजे कस मसले
मचली वह उफ़ गज़ब दिये जा मैं मचला प्यारी ले
लपट लपट गर अधर अधर धर चूमे आए झर झर
गदगद मैं उह आह किलकती वह उइ उइ जाऊँ मर
**
उठी उमग झुक ठुनक गरे कस कस बुर नन्ही प्यारी
चुदी गदागद मगन उछल आई भर भर किलकारी
आह आह उफ़ गज़ब मिले हम बुदबुद कह वह आई
पलकें मुंदी घपाघप घप पुक पुक पुक धुन रह छाई
उह उह आह लिये जाओ उफ़ आह गज़ब तुम प्यारे
झर झर पिघली लंड लिये बुर लंड चली कस झारे
लच्च लचालच गुदगुद गदगद लंड रही बुर साने
फूल फूलता चला लंड छोडूं न आज बुर ठाने
मूंगे मढ़ी जीभ बुर कंचन दहका लंड ललाए
ठुनक ठुनक रह खेल झटकते इक दूजे को आए
सन्न सन्न सनसना चमक बुर लंड उछलता आया
फूल फूल चमका फुर फुर फुर फुरक झराझर आया
लप लप लप्प उछल कंपती बुर छलक छल्ल छल खोई
निकली लंबी आह लंड कस डूब समाई सोई
**
मुंदी पलक पूछी आई उर छिपी लता वह जैसी
कह भी दो अब हाय तरसती कहो लगी मैं कैसी
बोला उफ़ मेरी तुम मुझको सदा लगीं सच प्यारी
सहम डरा कैसे भेदूं बुर छुईमुई सुकुमारी
मगन आज मैं लुटा लूट तुम आह गज़ब दिल आईं
तरसा जिस छबि को प्यारी वह तुममें मैंने पाई
जैसी परी बदन तू बुर वैसी पाई सच प्यारी
कसी गज़ब गचगचा चुदी कर लंड मगन रख भारी
आह बड़े जादूगर सच तुम कह झुक मुख सरमाई
लपट झट्ट गुड़िया प्यारी वह उर में दुबक समाई
तोड़ तोड़ तन जोड़े मन लड़ लड़ यूँ किये मिताई
रह अटूट चुद मगन प्रेम टूटी सीमा बुर आई
(premonmayee saras rati sarita)
__________________________________
इकटक तकी निहार चपल हरिणी हौले मुस्काती
परी बदन गुडिया नाज़ुक छेड़े हँस फूल झराती
चम्पक वर्णी तीखे नक्श नयन हरती मदभर मन
गुदगुद तन नवनीत फिसलती दमकी काया रेशम
मैं गंभीर मगन बतियाता वह इकटक तक आती
चुलबुल चपला छेड़ छेड़ आँखों से रह मुसकाती
चित्त भटक रहता कहता उफ़ क्यों हो मुझे सतातीं
पूछो उफ़ न आह हंसती वह खिल खिल नैन लड़ाती
कहती मुख भोला प्यारा सुन बातें बड़ी सयानी
झपट चूम लूँ तुम्हें मुग्ध सूझे मन में शैतानी
उधर मगन तुम अपने में दिल इधर लपटने करता
कैसे बुद्धू बात न समझो मन की सोचे मरता
मैं बचता वह तक तक नैन लड़ाए छेड़ी जाती
संग चिपकने अवसर एक न वह छोड़े थी आती
मेरा प्यार सहम सोचा आता उफ़ क्या कह आऊं
मेलजोल की बात अलग बुर दो कैसे कह पाऊँ
**
कभी उमग कहती यह काम चलो निबटाया जाये
कभी शिकायत राह तकी कल उफ़ तुम क्यों ना आये
कभी फोन पर कहाँ छिपे तुम आँखें तरसी आईं
कभी चखो यह तुम्हें चखाने बड़े प्यार से लाई
कभी सुनो प्यारे भोले जी आज रुके रह आना
संग तुम्हारे मैं भी आज चलूँगी छोड़ न जाना
किये शिकायत आती तुम कैसे हो क्या कह पाऊँ
समझो तनिक न बात मीत कैसे मैं रूठी आऊं
राह एक पर छोड़ मुझे नित इकले भग रह आते
आस किये मैं तकती क्यों न संग ले मुझको जाते
यूँ गुड़िया मेरी गुड्डा मैं उसका जोड़ बनाए
इक दूजे के लिये बने ज्यूं हौले घुल मिल आए
छोड़ ठिकाने इक दिन यूँ लौटने मुड़ा जब तत्पर
बोली उफ़ ज़ल्दी क्या रुको न चल घर देखो ऊपर
सकुच सीढ़ियों पर ठिठका मैं वह बोली आओ ना
और न कोई आज अकेली मैं यूँ सकुचाओ ना
**
झटपट कपड़े बदले झीनी फ्राक सजी वह आई
कहो लगूं मैं कैसी पूछे रह आई मुस्काई
झंक उन आंखों में तक मुखड़ा डूब निहारे भारी
बोला आह कहूँ क्या मन लपका लेने री प्यारी
परी बदन गुल आब अंगूरी भरी मुसम्बी ताके
आँख मिटी रह देख लपकता चूम चढ़ा मैं दाबे
मुसकाई कह वह न कभी सुध ली मेरी बस झूठे
बहला छोड़ मुझे उफ़ जाने किस किस पर रह टूटे
नैन लड़ाए कह इतना चहकी पलटी वह घूमे
खींच केस धर गाल तड़ातड़ रह आई वह चूमे
लहर अंक में गर घेरे वह चूम रही मुख आये
लपके नाज़ुक बदन फूल सा मैं रह झप्प उठाए
अधर अधर धर चपक छातियाँ बोला चल बतलाऊँ
बोली उफ़ पट द्वार खुला छोड़ो फिर मज़ा चखाऊँ
**
बंद किये पट झपट ठेल बिस्तर पर पटकी आये
ठुनके ठुनक छाती बोली कितने निर्मम तुम हाये
जाने छेड़ छेड़ कितना खेली मैं तुमसे आई
सुना न प्यार के लब्ज़ कभी दो पर मैं तुमसे पाई
पलट चढ़ा उलटे लहंगा बुर चूम चूम रह आया
बोला उफ़ गुडिया मेरी डर सच न कभी कह पाया
आह कहूँ क्या लगीं सदा सच मुझको कितनीं प्यारी
सहम डरा कैसे भेदूं बुर छुई मुई सुकुमारी
आज मिलीं तुम आह खुली किस्मत उफ़ क्या कह पाऊँ
लूट रखो मुझको प्यारी तुम पर मैं प्यार लुटाऊँ
फौरन उरझ लपट झकझोरे लड़े अंग अंग भारी
राह देख तरसे दोनों में थी भिड़ने तैयारी
बोली आह मिले तुम तरसी आई प्यास अधूरी
आओ भिड़े संग खेलें कस करें तमन्ना पूरी
पकड़ी खड़ा लंड दुलराए आई गाल फिराए
मगन निहारे नयन आह उफ़ कह चूमी झुक आए
बोली उफ़ कितना प्यारा लूँ यह अब रह मैं ठानी
पटक पीस कर चकनाचूर न चुद मांगे बुर पानी
झुक बुर चप्प चप्प चूमे मैं कह आया री लूटी
छोडूं उफ़ न तुझे अब सीमा लाज सरम की टूटी
कसमस कस बुर लंड मचलते टोह रगडते आए
छूटा ताब उठा पुट्ठे आया मैं गाँठ फंसाए
**
बुर नन्ही में फंसा धंसा कस लंड चीख वह आई
अह हह अह हह आह मरी उफ़ छोड़ छोड़ चिल्लाई
ठेल झटक इक हाथ दूसरा कस बुर चपकी आई
चीख उछलती उफ़ मारा रे छोड़ छोड़ कह आई
उइ हा फटी फटी बुर उफ़ उफ़ मरी दरद के मारे
फंसा जकड़ कस मोटा जबरा तेरा लंड खड़ा रे
हुई रुआंसी बोली मत कर जिद न झेल मैं पाऊँ
आह सकूं सह मैं न हाय बाहर निकाल मर जाऊँ
ऊपर अधर चपक चूमे नीचे बुर लंड फिराए
बोला पिघलाए प्यारी रुक देख मज़ा क्या आए
कस बाँधे मसले घट चुटक चूचियां चुहके आया
थपक गाल मुख चूम लंड हौले बुर चलता आया
हौले हुई निढाल पलक मूंदे अह हह सिसियाई
आह करो क्या जादू बुदबुद कह घेरे भुज आई
छुए गाल हौले धर चिबुक उठा तक मुखडा नाज़ुक
बोला प्यारी कहो न कुछ कुछ यूँ न रही आओ चुप
अह हह आह मचलती भर सिसकारी कह वह आई
और परीक्षा लो न आह अब लो बुर मरी भुखाई
कह लिपटी उफ़ आह बचूं ना बस तेरे हो आई
पलट चूम बुर प्यारी हौले दिये मगन रह आई
हौले चढ़ा ज्वार उइ उफ़ उफ़ रह सिसकारी छाई
छोड़ो आह न लेते जाओ कहती प्यारी आई
**
इधर काम रस उधर बसन्ती जोबन जोड़ अनूठा
कस आई बुर लंड उमगता रहा चूत पर टूटा
चलता लंड इधर बुर चुदती उधर आह भर आती
परी बदन बुर मुखड़ा नन्हा देख न आँख अघाती
प्यारी आह गज़ब आ री अब कह झुक लप्प उठाया
चढ़ा जांघ बुर खड़ा लंड धर बिठा गोद कस आया
नाज़ुक देह लता सी उरझी डूबी अंक समाई
बाँहें फैल बदन कस गूंथीं कसी मचलती आईं
लिये हिलोर बदन तन मन बुर लंड धंसे रह झूले
हुए मगन आगे पीछे झकझोरे चढ़े हिंडोले
छिपी समाई धंसी बदन खोई कमसिन वह प्यारी
दो से एक हुए गुम हो बुर लंड जकड़ कस भारी
उमड़ घिरे घनघोर हरस बिजलियाँ चमकती रह रह
सान सने रह पीस चले बुर लांस आह उफ़ कह कह
**
लहर लहर झकझोर झिन्झोरे उड़ उड़ दोनों आए
चढ़े बदन तूफान बिछी बुर लंड चढ़ा चल आए
उइ उइ आह गज़ब रे गज़ब आह उफ़ उफ़ कह कांपी
चुदी लंड कस बुर लचलच साँसें उफनी रह हाँफीं
उइ उइ आह गज़ब बुर प्यारी आह रटा रह झूमे
सना लंड बुर कोना कोना टुहक दौड़ता चूमे
आह आह लो और लिये जाओ बस मचल लुभाई
लंड कड़क धर धर झपटी बुर नाज़ुक चलती आई
लो प्यारी लो खूब तरसती प्यास न अब बच पाए
छोडूं आज न छक उधड़े बुर लंड चला कह आए
चपक रहे तन बदन लंड बुर इक दूजे कस मसले
मचली वह उफ़ गज़ब दिये जा मैं मचला प्यारी ले
लपट लपट गर अधर अधर धर चूमे आए झर झर
गदगद मैं उह आह किलकती वह उइ उइ जाऊँ मर
**
उठी उमग झुक ठुनक गरे कस कस बुर नन्ही प्यारी
चुदी गदागद मगन उछल आई भर भर किलकारी
आह आह उफ़ गज़ब मिले हम बुदबुद कह वह आई
पलकें मुंदी घपाघप घप पुक पुक पुक धुन रह छाई
उह उह आह लिये जाओ उफ़ आह गज़ब तुम प्यारे
झर झर पिघली लंड लिये बुर लंड चली कस झारे
लच्च लचालच गुदगुद गदगद लंड रही बुर साने
फूल फूलता चला लंड छोडूं न आज बुर ठाने
मूंगे मढ़ी जीभ बुर कंचन दहका लंड ललाए
ठुनक ठुनक रह खेल झटकते इक दूजे को आए
सन्न सन्न सनसना चमक बुर लंड उछलता आया
फूल फूल चमका फुर फुर फुर फुरक झराझर आया
लप लप लप्प उछल कंपती बुर छलक छल्ल छल खोई
निकली लंबी आह लंड कस डूब समाई सोई
**
मुंदी पलक पूछी आई उर छिपी लता वह जैसी
कह भी दो अब हाय तरसती कहो लगी मैं कैसी
बोला उफ़ मेरी तुम मुझको सदा लगीं सच प्यारी
सहम डरा कैसे भेदूं बुर छुईमुई सुकुमारी
मगन आज मैं लुटा लूट तुम आह गज़ब दिल आईं
तरसा जिस छबि को प्यारी वह तुममें मैंने पाई
जैसी परी बदन तू बुर वैसी पाई सच प्यारी
कसी गज़ब गचगचा चुदी कर लंड मगन रख भारी
आह बड़े जादूगर सच तुम कह झुक मुख सरमाई
लपट झट्ट गुड़िया प्यारी वह उर में दुबक समाई
तोड़ तोड़ तन जोड़े मन लड़ लड़ यूँ किये मिताई
रह अटूट चुद मगन प्रेम टूटी सीमा बुर आई
All writing remains the property of the author. Don't use it for any purpose without their permission.
likes 0
reading list entries 0
comments 0
reads 918
Commenting Preference:
The author is looking for friendly feedback.