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thi chhutti hastal soona kamara ik do rah aaeen
थी छुट्टी हास्टल सूना कमरा इक दो रह आईं
(premonmayee saras rati sarita)
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थी छुट्टी हास्टल सूना कमरा इक दो रह आईं
तन मन सूना सन्नाटा रह वीरानी थी छाई
गुनगुन मौसम वासंती थी रात मचल गहराती
पड़ी बिछौने जुदा जुदा इक दूजे तक रह जातीं
ऊह ऊह सुर रहा फूटता करवट करवट बदले
नींद दूर रह आई कोसों बदन न आता संभले
उइ कह नींद न क्यों है आती बोली इक दूजी से
तू जागी मैं भी जागूं आ कहें हाल मिल दिल से
सब कुछ सह लें बला जवानी की आए तड़पाती
आह मुई बुर गुदगुद जाने क्यूँ है आज खुजाती
हालत इधर बुरी है कह तेरा क्या हाल सखी री
छिपा न आह बैठ कह तू भी मेरी कसम तुझे री
आई पास झुकी रह बैठी चिपकी लपट गरे से
बोली सूना जिया जले री आह कहूँ क्या तुझसे
रात सुहानी मौसम अच्छा पर दिल कुछ न सुहाए
मची सुरसुरी जाने कैसी बुर में रही सताए
जैसा तेरा हाल इधर भी हम दोनों इक जैसे
मरज बुरा यह मुई जवानी कटे रात यह कैसे
जब तक चूत पटकता फाड़े लंड न गचगच साने
कुटी खूब छितराए चुद बुर मुई न तब तक माने
१
मुई इधर भी री अकुलाई बुर चुद चुद मिट आने
मर मर सोच मिटूँ मैं लंड मिले कब हाय न जाने
इक सी हालत हम दोनों की री कैसी मज़बूरी
देख देख सपने आतीं मर ख्वाहिश कब हो पूरी
हाय कहूँ क्या खड़ा आह वह नित आँखों में आता
तन तन फूल मुटाया जबरा तम्बू सा रह छाता
नित तो भीड़ भाड़ संग मन रह कुछ है बहला आता
सूना जान आज जबरा वह घुस घुस ठेला जाता
हाय कहूँ क्या हाल इधर भी बिलकुल तेरे जैसा
सूनी रात उदास न जाने लगता कैसा कैसा
बुर प्यासी अनचुदी लगे ना जाने कैसा कैसा
री बोलूँ क्या हल इधर भी बिलकुल तेरे जैसा
तक इक दूजी आँख उदासी डूब तकी रह आईं
उफ़ उफ़ आह करें क्या री कह थिरकीं लपट समाईं
इक गोरी बुर सांवरि दूजी रह फूली उठ लपकीं
जोड़ी पाँव फँसी जाँघों बिच चपकी चूतें झपटीं
उरझ खोलतीं बटन नोचतीं चीथ झटकतीं कपड़े
नंगी मादरजात बदन कस फंसीं कमर धर पकड़े
फँसी चूत फाड़ी जांघें कस रगड़ीं ताक ठिकाने
लड़ आईं भिड़ती चूतें लेने इक दूजी ठाने
कसी पयोधर धर धर मसलीं इक दूजे पर टूटीं
उइ उइ आह किलकतीं सुख तन आई दोनों लूटीं
आह आह मर जाऊँ उफ़ उफ़ कहती इक अंगडाई
ले कह दूजी चपकी छाती चबा चोंच धर आई
गजब गुदगुदाई उछली यह कह न सहा रह आये
मुई चूत करती कुलबुल चल भिडें न अब रह जाये
रह न गये मन उछले तन जोड़ा बिपरीत बनाए
इक मुख ऊपर इक नीचे धर टिक बुर चूमे आए
फैल फैलते अधर जकड़ बुर पट कसते धर काटे
जीभें खुलीं लपालप चलतीं सनीं लार बुर चाटे
पग बढ़ चले ठुनक बुर जीभें धँसती आईं ठेले
जैसे चलता लंड मापती बुर आईं चल पेले
झर झर चूत झराई सखियाँ चप चप चाटी आईं
आह गज़ब री जोड़ी हम तुम कह रस बांटी आईं
लें यह अब री और कहे बुर दिये अंगुरियाँ आईं
चले मेलगाड़ी ज्यूं सरपट दौड़ी चल बुर धाईं
ऊह ऊह क्या गज़ब गजब री चीख किलकती मचलीं
कटि पर डोलीं लहरा छटपट टाँगे उठ उठ उछलीं
आह और कस जकड़ रही बुर आए री उफ़ हाये
इक मुख से सुर फूटा तो री और मज़ा रह आये
घुसीं उन्गारियाँ इक दो तीन न बुर पर रही जुड़ाए
ठहर ठहर री कह दौड़ी दूजी धर केले लाये
ठांस भरीं केले कस कस पेले इक दूजी आईं
बुरें लंड सा चिकनाया फल मोटा लिये रिझाईं
चले हाथ कस मसक चिमट बूबे इक दूजे भारी
सुध डूबी सुर फूटे उइ उइ रुक न चली चल प्यारी
बदन न संभले रहे संभाले खुशी किलकती छाई
बही चूत से धार झराझर उफन छलकती आई
आह आह री उफ़ उफ़ करतीं सुन्न रहा सब आया
गज़ब कमाल कदलि फल झारे बूँद बूँद रख आया
अररर अररर उइ उइ उफ़ अब छोड़ उछल रह आईं
झपट बदन इक दूजे झकझोरे चढ़ चढ़ गुंथ आईं
२
इक फल मीठा खुली चक्कियों ने दो पीसा खाया
कस कस पाए धक्के बेचारा लुगदी हो आया
सना गचगचा भर मुख बेचारा घुल कीच मचाये
आह आह क्या करें हाय री अब वे सोची आयें
रहीं मसोस चढ़ा बुखार जब दवा खत्म हो आई
आई सूझ ठहर री कह दूजी ककड़ी धर लाई
फाँस सिलिंडर में पिस्टन सा दोनों कस बल आईं
शंटिंग इधर उधर से कर दौडी भकभक चल आईं
आह आह उफ़ हाय मज़ा क्या आता आह गज़ब री
कह कह लपक मगन कस पेली आईं बुर इक दूजी
धुन थी खूब चढ़ी यूँ हठ कर इक दूजी बुर ले ले
छोड़ें आज न पल को भिड़ती खेलें कसर निकाले
चूमीं कस कस अधर निचोड़ उरझ अंग अंग धर लड़तीं
आह मज़ा सच आया री कह चुकीं भरी मन झरतीं
चकनाचूर किये इक दूजी रह रह चूत लड़ाईं
फाड़ ठोक बिखरा चुद चूतें थकी हांफती आईं
शिथिल हुए तन तोड़े नस नस ढुरक रही सुस्ताईं
सनीं लबालब लड़ टांगें थक फैली पसरी आईं
धधक चुदन की जलीं आग जो ऊधम किये सताईं
चुदीं मगन बिन लंड मस्त यूँ बुरें पस्त हो आईं
खेल खेल में रमीं रात बीती कब जान न पाईं
बोझिल पलकों ले दोनों यूँ लपट संग सो आईं
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(premonmayee saras rati sarita)
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थी छुट्टी हास्टल सूना कमरा इक दो रह आईं
तन मन सूना सन्नाटा रह वीरानी थी छाई
गुनगुन मौसम वासंती थी रात मचल गहराती
पड़ी बिछौने जुदा जुदा इक दूजे तक रह जातीं
ऊह ऊह सुर रहा फूटता करवट करवट बदले
नींद दूर रह आई कोसों बदन न आता संभले
उइ कह नींद न क्यों है आती बोली इक दूजी से
तू जागी मैं भी जागूं आ कहें हाल मिल दिल से
सब कुछ सह लें बला जवानी की आए तड़पाती
आह मुई बुर गुदगुद जाने क्यूँ है आज खुजाती
हालत इधर बुरी है कह तेरा क्या हाल सखी री
छिपा न आह बैठ कह तू भी मेरी कसम तुझे री
आई पास झुकी रह बैठी चिपकी लपट गरे से
बोली सूना जिया जले री आह कहूँ क्या तुझसे
रात सुहानी मौसम अच्छा पर दिल कुछ न सुहाए
मची सुरसुरी जाने कैसी बुर में रही सताए
जैसा तेरा हाल इधर भी हम दोनों इक जैसे
मरज बुरा यह मुई जवानी कटे रात यह कैसे
जब तक चूत पटकता फाड़े लंड न गचगच साने
कुटी खूब छितराए चुद बुर मुई न तब तक माने
१
मुई इधर भी री अकुलाई बुर चुद चुद मिट आने
मर मर सोच मिटूँ मैं लंड मिले कब हाय न जाने
इक सी हालत हम दोनों की री कैसी मज़बूरी
देख देख सपने आतीं मर ख्वाहिश कब हो पूरी
हाय कहूँ क्या खड़ा आह वह नित आँखों में आता
तन तन फूल मुटाया जबरा तम्बू सा रह छाता
नित तो भीड़ भाड़ संग मन रह कुछ है बहला आता
सूना जान आज जबरा वह घुस घुस ठेला जाता
हाय कहूँ क्या हाल इधर भी बिलकुल तेरे जैसा
सूनी रात उदास न जाने लगता कैसा कैसा
बुर प्यासी अनचुदी लगे ना जाने कैसा कैसा
री बोलूँ क्या हल इधर भी बिलकुल तेरे जैसा
तक इक दूजी आँख उदासी डूब तकी रह आईं
उफ़ उफ़ आह करें क्या री कह थिरकीं लपट समाईं
इक गोरी बुर सांवरि दूजी रह फूली उठ लपकीं
जोड़ी पाँव फँसी जाँघों बिच चपकी चूतें झपटीं
उरझ खोलतीं बटन नोचतीं चीथ झटकतीं कपड़े
नंगी मादरजात बदन कस फंसीं कमर धर पकड़े
फँसी चूत फाड़ी जांघें कस रगड़ीं ताक ठिकाने
लड़ आईं भिड़ती चूतें लेने इक दूजी ठाने
कसी पयोधर धर धर मसलीं इक दूजे पर टूटीं
उइ उइ आह किलकतीं सुख तन आई दोनों लूटीं
आह आह मर जाऊँ उफ़ उफ़ कहती इक अंगडाई
ले कह दूजी चपकी छाती चबा चोंच धर आई
गजब गुदगुदाई उछली यह कह न सहा रह आये
मुई चूत करती कुलबुल चल भिडें न अब रह जाये
रह न गये मन उछले तन जोड़ा बिपरीत बनाए
इक मुख ऊपर इक नीचे धर टिक बुर चूमे आए
फैल फैलते अधर जकड़ बुर पट कसते धर काटे
जीभें खुलीं लपालप चलतीं सनीं लार बुर चाटे
पग बढ़ चले ठुनक बुर जीभें धँसती आईं ठेले
जैसे चलता लंड मापती बुर आईं चल पेले
झर झर चूत झराई सखियाँ चप चप चाटी आईं
आह गज़ब री जोड़ी हम तुम कह रस बांटी आईं
लें यह अब री और कहे बुर दिये अंगुरियाँ आईं
चले मेलगाड़ी ज्यूं सरपट दौड़ी चल बुर धाईं
ऊह ऊह क्या गज़ब गजब री चीख किलकती मचलीं
कटि पर डोलीं लहरा छटपट टाँगे उठ उठ उछलीं
आह और कस जकड़ रही बुर आए री उफ़ हाये
इक मुख से सुर फूटा तो री और मज़ा रह आये
घुसीं उन्गारियाँ इक दो तीन न बुर पर रही जुड़ाए
ठहर ठहर री कह दौड़ी दूजी धर केले लाये
ठांस भरीं केले कस कस पेले इक दूजी आईं
बुरें लंड सा चिकनाया फल मोटा लिये रिझाईं
चले हाथ कस मसक चिमट बूबे इक दूजे भारी
सुध डूबी सुर फूटे उइ उइ रुक न चली चल प्यारी
बदन न संभले रहे संभाले खुशी किलकती छाई
बही चूत से धार झराझर उफन छलकती आई
आह आह री उफ़ उफ़ करतीं सुन्न रहा सब आया
गज़ब कमाल कदलि फल झारे बूँद बूँद रख आया
अररर अररर उइ उइ उफ़ अब छोड़ उछल रह आईं
झपट बदन इक दूजे झकझोरे चढ़ चढ़ गुंथ आईं
२
इक फल मीठा खुली चक्कियों ने दो पीसा खाया
कस कस पाए धक्के बेचारा लुगदी हो आया
सना गचगचा भर मुख बेचारा घुल कीच मचाये
आह आह क्या करें हाय री अब वे सोची आयें
रहीं मसोस चढ़ा बुखार जब दवा खत्म हो आई
आई सूझ ठहर री कह दूजी ककड़ी धर लाई
फाँस सिलिंडर में पिस्टन सा दोनों कस बल आईं
शंटिंग इधर उधर से कर दौडी भकभक चल आईं
आह आह उफ़ हाय मज़ा क्या आता आह गज़ब री
कह कह लपक मगन कस पेली आईं बुर इक दूजी
धुन थी खूब चढ़ी यूँ हठ कर इक दूजी बुर ले ले
छोड़ें आज न पल को भिड़ती खेलें कसर निकाले
चूमीं कस कस अधर निचोड़ उरझ अंग अंग धर लड़तीं
आह मज़ा सच आया री कह चुकीं भरी मन झरतीं
चकनाचूर किये इक दूजी रह रह चूत लड़ाईं
फाड़ ठोक बिखरा चुद चूतें थकी हांफती आईं
शिथिल हुए तन तोड़े नस नस ढुरक रही सुस्ताईं
सनीं लबालब लड़ टांगें थक फैली पसरी आईं
धधक चुदन की जलीं आग जो ऊधम किये सताईं
चुदीं मगन बिन लंड मस्त यूँ बुरें पस्त हो आईं
खेल खेल में रमीं रात बीती कब जान न पाईं
बोझिल पलकों ले दोनों यूँ लपट संग सो आईं
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