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रब
सोचता हूँ डूब गया जो तेरी आँखों के समंदर मे
किनारे पर तेरी हस्ती का शोर मचायेगा कौन ?
उन चंद खामोश लम्हों के हज़ार किस्से
अल्हड़ थिरकती महफ़िलों मे सुनायेगा कौन ?
किनारे पर तेरी हस्ती का शोर मचायेगा कौन ?
उन चंद खामोश लम्हों के हज़ार किस्से
अल्हड़ थिरकती महफ़िलों मे सुनायेगा कौन ?
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