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Happy new year
कभी आसमाँ मे झाकती, कभी खुद को तलाशती जिंदगी,,
कभी गुलाल से सनी हुई, कभी प्रीत मे पुकारती जिंदगी,,
कभी बंद मुट्ठी मे रेत सी, कभी बाँसुरी संग मेघ सी
फिसलती, बरसती "ऐ जिंदगी",
तू यूही मस्त लड़खडाये जा, होठों पे गीत लाये जा,
कभी बन के बारिश बरस जा, कभी बन सुगंध महक जा,
टिमटिमाती रह, बलखाती रह,,
कभी बन के तारे, कभी दरिया की तरह
है रंग तेरे हजार अभी, कुछ देखे है, कुछ देखे नही,,
तू यूही चहल कदमी करती रह, कभी हस्ती रह, कभी आँख से टपकती रह
और जाते जाते ये पैग़ाम अपना, किसी दूसरे को नाम कर, हर साल की तरह ये साल भी, तू यूही गुलज़ान कर।
कभी गुलाल से सनी हुई, कभी प्रीत मे पुकारती जिंदगी,,
कभी बंद मुट्ठी मे रेत सी, कभी बाँसुरी संग मेघ सी
फिसलती, बरसती "ऐ जिंदगी",
तू यूही मस्त लड़खडाये जा, होठों पे गीत लाये जा,
कभी बन के बारिश बरस जा, कभी बन सुगंध महक जा,
टिमटिमाती रह, बलखाती रह,,
कभी बन के तारे, कभी दरिया की तरह
है रंग तेरे हजार अभी, कुछ देखे है, कुछ देखे नही,,
तू यूही चहल कदमी करती रह, कभी हस्ती रह, कभी आँख से टपकती रह
और जाते जाते ये पैग़ाम अपना, किसी दूसरे को नाम कर, हर साल की तरह ये साल भी, तू यूही गुलज़ान कर।
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